घग्घर पुल पर हो रहे हादसों को लेकर मांगी विभागों से रिपोर्ट
पुल की टूटी रेलिंग को ठीक करते बीएंडआर विभाग के कर्मचारी। भास्कर न्यूज| रतिया दो दिन पहले बुढलाडा रोड पर घग्घर...
Dainikbhaskar.com Mar 14, 2019, 02:50 AM IST
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घग्घर पुल पर हो रहे हादसों को लेकर मांगी विभागों से रिपोर्टपुल की टूटी रेलिंग को ठीक करते बीएंडआर विभाग के कर्मचारी। भास्कर न्यूज| रतिया दो दिन पहले बुढलाडा रोड पर घग्घर...पुल की टूटी रेलिंग को ठीक करते बीएंडआर विभाग के कर्मचारी।
भास्कर न्यूज| रतिया
दो दिन पहले बुढलाडा रोड पर घग्घर नदी पुल पर हुए हादसे के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन ने सिंचाई विभाग, मार्केटिंग बोर्ड व बीएंडआर विभाग से नदी, नालों व नहरों पर बने पुलों की स्थिति की रिपोर्ट मांगी है। इसे लेकर संयुक्त कमेटी बनाई गई है। कमेटी में सिंचाई विभाग के एसडीओ, जेई व रोड सेफ्टी एसोसिएशन के कॉर्डिनेटर, मेंबरों को शामिल किया है। कमेटी से पुलों के फोटो सहित पूरा ब्यौरा मांगा गया है। ज्ञात रहे कि सोमवार रात बुढ़लाडा रोड पर घग्घर नदी की रेलिंग तोड़कर सूमो गाड़ी नदी में जा गिरी थी। हादसे में गाड़ी चालक भूंदड़वास निवासी जग्गा सिंह की मौत हो गई।
रतिया क्षेत्र में घग्गर नदी,भाखड़ा नहर, रतिया मुख्य ब्रांच नहर, रत्ताखेड़ा ब्रांच, मुंशीवाला ब्रांच नहर, बादलगढ़ ब्रांच नहर व रतनगढ़ ब्रांच, खुनन माइनर, दादूपुर माइनर, सुखचैन नहर सहित करीब दो दर्जन नहरें है। इन नहरों में साल भर पानी चलता है। इसके अलावा क्षेत्र एमआईटी की पुरानी नहरें, रंगोई बरसाती चैनल, बरेटा ड्रेन, सरहिंद ड्रेन आधा दर्जन बरसाती नाले है। इन नदी नालों पर करीब 50 पुल बने हुए हैं। भाखड़ा नहर व एमआईटीसी की पुरानी नहरों के पुलो की हालत काफी खराब है। भाखड़ा नहर के पुल करीब 65 साल पहले बनाए गये थे। रंगोई व अन्य ड्रेनों पर बने पुल भी मौजूदा समय में कंडम हालत में है। अधिकांश की अभी तक रिपेयरिंग तक नहीं हुई। भाखड़ा के ज्यादातर पुलों की रेलिंग टूटी व खस्ताहालत में है। ये पुल संकरी भी है। पहले भी कई बार वाहन गिरने की घटनाएं हो चुकी है। दोनों टीमों ने मॉनिटरिंग का काम शुरू कर दिया है।
पुल की टूटी रेलिंग को ठीक करते बीएंडआर विभाग के कर्मचारी। भास्कर न्यूज| रतिया दो दिन पहले बुढलाडा रोड पर घग्घर...
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दो दिन पहले बुढलाडा रोड पर घग्घर नदी पुल पर हुए हादसे के बाद जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। प्रशासन ने सिंचाई विभाग, मार्केटिंग बोर्ड व बीएंडआर विभाग से नदी, नालों व नहरों पर बने पुलों की स्थिति की रिपोर्ट मांगी है। इसे लेकर संयुक्त कमेटी बनाई गई है। कमेटी में सिंचाई विभाग के एसडीओ, जेई व रोड सेफ्टी एसोसिएशन के कॉर्डिनेटर, मेंबरों को शामिल किया है। कमेटी से पुलों के फोटो सहित पूरा ब्यौरा मांगा गया है। ज्ञात रहे कि सोमवार रात बुढ़लाडा रोड पर घग्घर नदी की रेलिंग तोड़कर सूमो गाड़ी नदी में जा गिरी थी। हादसे में गाड़ी चालक भूंदड़वास निवासी जग्गा सिंह की मौत हो गई।
रतिया क्षेत्र में घग्गर नदी,भाखड़ा नहर, रतिया मुख्य ब्रांच नहर, रत्ताखेड़ा ब्रांच, मुंशीवाला ब्रांच नहर, बादलगढ़ ब्रांच नहर व रतनगढ़ ब्रांच, खुनन माइनर, दादूपुर माइनर, सुखचैन नहर सहित करीब दो दर्जन नहरें है। इन नहरों में साल भर पानी चलता है। इसके अलावा क्षेत्र एमआईटी की पुरानी नहरें, रंगोई बरसाती चैनल, बरेटा ड्रेन, सरहिंद ड्रेन आधा दर्जन बरसाती नाले है। इन नदी नालों पर करीब 50 पुल बने हुए हैं। भाखड़ा नहर व एमआईटीसी की पुरानी नहरों के पुलो की हालत काफी खराब है। भाखड़ा नहर के पुल करीब 65 साल पहले बनाए गये थे। रंगोई व अन्य ड्रेनों पर बने पुल भी मौजूदा समय में कंडम हालत में है। अधिकांश की अभी तक रिपेयरिंग तक नहीं हुई। भाखड़ा के ज्यादातर पुलों की रेलिंग टूटी व खस्ताहालत में है। ये पुल संकरी भी है। पहले भी कई बार वाहन गिरने की घटनाएं हो चुकी है। दोनों टीमों ने मॉनिटरिंग का काम शुरू कर दिया है।
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